केतु की शांति के उपाय मंत्र रत्न remedies for ketu
Remedial Measures for Ketu
Ø To remain
happy and positive is the best remedy for Ketu.
Ø Offer
prayers to Lord Ganesha daily twice.
Ø Help the
handicapped or laborers as much as you can.
Ø Avoid
black or slate colors.
Ø Get more
social and try to be in the company most of the time.
Ø Wear
cat`s eye.
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शांति के उपाय:
- केतु से बचने का सबसे
अच्छा उपाय है हमेशा प्रसन्न रहना, जोर से
हँसना। इससे केतु आपके मन को वश में नहीं कर पाएगा।
- प्रतिदिन गणेशजी का
पूजन-दर्शन करें।
- मजदूर, अपाहिज
व्यक्ति की यथासंभव मदद करें
- लहसुनिया पहनने से भी
केतु के अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
- हमारे पंडितजी द्वारा
सिद्ध करा हुआ ताबीज़ केतु के दुष्प्रभावों से बचने के लिए धारण करें .
- काले, सलेटी
रंगों का प्रयोग न करें
- लोगों में उठने-बैठने, सामाजिक
होने की आदत डालें।
Ketu is
connected with the psyche of a native. It disturbs the person both mentally and
emotionally and many times physically. It causes severe depression, anxiety,
bad dreams to the native. The person becomes very suspicious. The person may
become a lunatic if ketu is the conjunct moon or opposing it. To pacify Ketu, the following mantras prove useful:
Vedic
Mantra:
“ऊँ
केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेश से। सुमुषद्भिरजायथा:”
Gayatri
Mantra:
“ऊँ
धूम्रवर्णाय विद्महे कपोतवाहनाय धीमहि तन्नं: केतु: प्रचोदयात।”
Beej Mantra:
“ऊँ
कें केतवे नम:”
Tantrik
Mantras:
“ऊँ
स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:”
“ह्रीं
केतवे नम:”
“कें
केतवे नम:”
केतु
का सीधा प्रभाव मन से है अर्थात केतु की निर्बल या अशुभ स्थिति मन को प्रभावित
करती है और आत्मबल कम करती है। केतु से प्रभावित व्यक्ति अक्सर डिप्रेशन के शिकार
हो जाते हैं। भय लगना, बुरे सपने आना, शंकालु
वृत्ति हो जाना भी केतु के ही कारण होता है। केतु और चंद्रमा की युति-प्रतियुति
होने से व्यक्ति मानसिक रोगी हो जाता है।
व्यसनाधीनता बढ़ती है और मिर्गी, हिस्टीरिया
जैसे रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। इस ग्रह की शांति के लिए निम्न उपाय करें -:
वैदिक
मंत्र -:
“ऊँ
केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेश से। सुमुषद्भिरजायथा:”
गायत्री
मंत्र -:
“ऊँ
धूम्रवर्णाय विद्महे कपोतवाहनाय धीमहि तन्नं: केतु: प्रचोदयात।”
बीज मंत्र -:
“ऊँ
कें केतवे नम:”
तांत्रोक्त
मंत्र -:
“ऊँ
स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:”
“ह्रीं
केतवे नम:”
“कें
केतवे नम:”
Cat`s eye is the stone for Ketu. It wards off the evil eye, black magic, etc. It
also prevents the malefic effects of ketu. One can also wear Tiger`s eye
in place of cat`s eye although both are very nominally priced.
लहसुनिया केतु का रत्न है। जन्मकुंडली में केतु के
दूषित होने, दुर्बल होने या अस्त
होने पर लहसुनिया रत्न पहनना
लाभकारी होता है।
यदि कोई लहसुनिया खरीदने में असमर्थ है तो वह संगी, गोदंत और गोदंती धारण कर
सकता है।
इसके अलावा दरियाई लहसुनिया अर्थात टाइगर्स आई भी इसके स्थान पर धारण
किया जा सकता है।
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