Sun in the 12 houses : effect of the sun in the 12 houses
प्रथम
घर -: सूर्य के
प्रथम घर में विराजमान होने पर जातक नैतिक, कानून का पालन करने
वाला, जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखने वाला, आशावादी एवं महत्वाकांक्षी होता है।
दूसरा घर -: इस घर में
सूर्य की उपस्थिति होने पर जातक की सरकारी अधिकारियों से शत्रुता, वह अनेक रोगों से ग्रस्त रहेगा, स्वभाव
से चिड़़चिड़ा एवं हठी बनता है। यह जातक अपने परिश्रम से ही धन कमाते हैं। इनकी आय
का साधन सूर्य के किस राशि में होने पर निर्भर करता है
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तीसरा घर -: यदि सूर्य
अशुभ स्थान में है तो जातक के अपने भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध नहीं होते। वह
साहसी और चंचल स्वभाव का होता है। इन्हें जीवन में देर से सफलता मिलती है।
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चौथा घर -: यह जातक
अपने जीवन में दुखी और अप्रसन्न रहते हैं। यह ज्यादातर परेशान रहते हैं
। इन्हें
पैतृक संपत्ति की प्राप्ति होती है। इनका रूझान जादू-टोने में रहता है।
पांचवां घर -: सूर्य
के पंचम भाव में होने पर जातक ह्रदय संबंधी रोगों से ग्रस्त रहता है। इन्हें
पहाड़ों पर चढ़ना एवं अकेले रहना पसंद होता है। यह जातक अमीर होते हैं एवं लंबा
जीवन जीते हैं। लेकिन इनका जीवन में कोई उद्देश्य नहीं रहता।
छठा घर -: इस घर में
सूर्य की उपस्थिति होने पर जातक राजनीति के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
वह जीवन में काफी प्रसिद्ध होता है
सातवां घर -: इन
जातकों का रंग साफ होता है एवं यह अहंकारी स्वभाव के होते हैं। इनका विवाह देरी
से संपन्न होता है और इन्हें यात्रा करना काफी पसंद होता है किंतु नैतिक रूप से
यह भ्रष्ट होते हैं। विपरीत लिंग के कारण इन जातकों को नुकसान झेलना पड़ता है।
सरकारी अधिकारियों से भी इनकी अनबन रहती है
आठवां घर -: इस घर में
सूर्य के प्रभाव में जातक दीर्घायु बनता है। वह मधुरभाषी होता है। सूर्य के पीडित
होने की स्थिति में जातक के चेहरे या सिर में चोट लगती है। यह दुखी एवं असंतुष्ट
रहते हैं। इनकी आंखों की दृष्टि कमजोर होती है।
नौवां घर -: यदि इस घर
में सूर्य पीडित है तो जातक अपना धर्म परिवर्तन करता है। पिता के साथ अच्छे संबंध
नहीं रहते एवं यह अपने बड़ों का आदर नहीं करते लेकिन दूसरों के लिए यह आज्ञाकारी
होते हैं।
दसवां घर -: जातक को
जीवन में सम्मान, प्रसिद्धि और आदर मिलता है। इन्हें
अपने प्रयासों में सफलता मिलती है एवं इनके सरकारी अधिकारियों से अच्छे संबंध
बनते हैं। इन्हें पैतृक संपत्ति की प्राप्ति होती है। यह बुद्धिमान होते हैं
ग्यारहवां घर -: यह
अमीर और दीर्घायु होते हैं। इन्हें सरकार से लाभ मिलता है। इन्हें अपने कार्य
में कम प्रयासों से भी सफलता मिल जाती है।यह दूरदर्शी एवं सैद्धांतिक व्यक्ति
होते हैं।
बारहवां घर -: इन
जातकों के किसी शारीरिक अंग में कोई कमी रह जाती है। इनके पुत्रों की संख्या अधिक
होती है। ऐसे जातकों का जीवन चरित्रहीन होता है। जीवन में इन्हें अनादर और असफलता
मिलती है।
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