प्रथम घर -: यह जातक हंसमुख, सरल, समझदार, मधुरभाषी होते हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और गणित का ज्ञान होता है।
यदि इस भाव में सूर्य, शुक्र से पीडित है तो जातक संगीत और
कला के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करता है। वह एक प्रतिभाशाली छात्र बनता है।
दूसरा घर -: दूसरे घर में सूर्य की उपस्थिति में जातक
सोच-विचार कर धन खर्च करता है। इनकी रूचि धार्मिक कार्यों में ज्यादा रहती है। यह
अपनी शिक्षा कॉमर्स विषय में पूरी करते हैं और एक अच्छे लैक्चरर बनते हैं। यह
बुद्धिमान होते हैं।
तीसरा घर -: यह जातक काफी बुद्धिमान होते हैं। यह दूसरों की
सहायता करते हैं किंतु यह स्वयं से अप्रसन्न रहते हैं। इन्हें लिखने और पढ़ने
का शौक होता है। इन जातकों के अधिकतर दोस्त व्यापारी वर्ग से होते हैं। यह लॉटरी
या धोखाधड़ी जैसे कामों से पैसा कमाते हैं। यह हमेशा आशावादी रहते हैं और जीवन से
सकारात्मकता को खत्म होने नहीं देते।
चौथा घर -: बुध के चौथे भाव में होने पर जातक शिक्षा
और प्रशासन के क्षेत्र में कार्य करता है। यह सरकार की आलोचना करते हैं और जीवन में
काफी प्रसिद्धि हासिल करते हैं। इनके पिता आत्मनिर्भर व्यक्तित्व के होते हैं।
यह दूरगामी जगहों की यात्रा करते हैं एवं इनकी रूचि संगीत, कला और संस्कृति में रहती है।
पांचवां घर -: यह जातक शारीरिक गतिविधियों और लव अफेयर में व्यस्त
रहते हैं। यह स्वभाव से हंसमुख और ज्ञानी होते हैं। इन्हें मंत्र विद्या का अच्छा
ज्ञान होता है जिस कारण यह लोग मंत्रों द्वारा शक्ति प्राप्त करने में सफल होते
हैं।
छठा घर -: इन जातकों को अपने विरोधियों से खतरा रहता है।
इन्हें प्राथमिक शिक्षा में असफलता प्राप्त होती है लेकिन कुछ समय बाद यह सम्माननीय
व्यक्ति के रूप में उभरते हैं। यह झगड़ालू होते हैं।
सातवां घर -: यह जातक मैत्रीपूर्ण, धार्मिक और एक अच्छे व्यापारी
होते हैं। इन्हें कानून, गणित, भूगोल
और ज्योतिष विज्ञान का अच्छा ज्ञान होता है। इन जातकों को महंगे कपड़े पहनना
पसंद होता है।
आठवां घर -: यह जातक स्वभाव से विनम्र होते हैं। इन्हें
अपने जीवन में अत्यधिक समृद्धि और लोकप्रियता प्राप्त होती है। यह अपने कार्यों
के लिए पुरस्कृत किए जाते हैं। किंतु यह शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं। इनकी
सेक्स क्षमता काफी कम होती है।
नौंवा घर -: इस भाव में बुध ग्रह के होने पर जातक अमीर और
धार्मिक होता है। इस भाव में बृहस्पति के साथ युति होने पर जातक बढिया पाठक बनता
है और ज्ञान प्राप्त करता है। वह लैक्चरर भी बन सकता है।
दसवां घर -: यह जातक प्रसन्न रहते हैं एवं इन्हें अपने
जीवन में कई बार पुरस्कृत किया जाता है। इनकी नेत्र दृष्टि कमजोर होती है। इन्हें
ज्योतिष विज्ञान और गणित का काफी ज्ञान होता है।
ग्यारहवां घर -: इन जातकों को अनेक विद्याओं का ज्ञान होता
है। यह बुद्धिमान होते हैं। इसके अलावा यह जातक जीवन में अमीर और प्रसन्न रहते
हैं। यह एक सफल इंजीनियर बन सकते हैं।
बारहवां घर -: इन जातकों के बच्चे कम होते हैं। यह चंचल स्वभाव
के व्यक्ति होते हैं। ऐसे जातकों के विवाहेत्तर संबंध होते हैं। यह गरीबी में
अपना जीवनयापन करते हैं।
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