सूर्य की शांति के उपाय रत्न और मंत्र remedies for planet sun
सूर्य आत्माकारक ग्रह है, यह राज्य सुख, सत्ता,
ऐश्वर्य,
वैभव,
अधिकार,
आदि
प्रदान करता है। यदि सूर्य भगवान प्रसन्न रहें तो आपका जीवन सुखमय एवं मान-सम्मान
से भरा रहता है।
अपने जीवन में सुख के आगमन हेतु जानिए
सूर्यदेव को प्रसन्न करने
के उपायों के बारे में -:
- प्रात:काल सूर्य देव का अर्घ्य देने से सभी पापों से
मुक्ति मिलती है और मनुष्य सफलता पाता है। धन संबंधी परेशानी एवं सभी प्रकार की
नकारात्मकता दूर होती है।
- सूर्यआदित्यहृदयस्तोत्र का नियमित पाठ करने से जीवन के सारे
कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह विशेष फलदायी उपाय है। इसका पाठ करने से शत्रु की
पराजय और रोग से छुटकारा मिलता है।
- शारीरिक और मानसिक विकारों को दूर करने के लिए नियमित रूप
से सूर्य देव को अष्टांग प्रणाम करें।
- सूर्यदेव से शुभफल की प्राप्ति हेतु रविवार के दिन प्रात: सूर्योदय
के समय बहते पानी में गुड़ को प्रवाहित करें।
- सूर्य की प्रबल स्थिति के लिए तर्जनी उंगली में माणिक्य
अथवा तांबे की अंगूठी धारण करें
- कुण्डली में सूर्य कमज़ोर है तो पिता एवं अन्य बुजुर्गों की
सेवा करनी चाहिए इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
- सूर्यदेव से अधिक उत्त़म फल पाने हेतु बीज मंत्रों का जाप
करें
- गुड़, सोना, तांबा और गेहूं का दान भी सूर्य ग्रह की शांति के लिए उत्तम
माना गया है। सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान भी उत्तम होता है।
रत्न
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सूर्य के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए माणिक्य धारण करना चाहिए। किंतु
यदि सूर्य शुभ नही है तो माणिक्य धारण करने से इसका सकारात्मक फल नहीं मिल पाता
है
माणिक्य रत्न एक मूल्यवान रत्न है। यदि कोई इसे खरीदने में असक्षम है तो
वह इसके स्थान पर स्पाइनेल, गारनेट, जिरकॉन या एजेट धारण कर सकता
है।
सूर्य नौ ग्रहों में राजा है और मनुष्य
की आत्मा का कारक है। कहते हैं यदि कुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में है, तो जातक के जीवन को भाग्य, लक्ष्मी, आरोग्य, मान सम्मान, यश और कीर्ति से भर देता है, लेकिन कुंडली में यदि सूर्य खराब है तो
अपनी अशुभ स्थिति के चलते जातक को न केवल रोगी बना देता है बल्कि मान सम्मान, आत्मविश्वास में भी कमी देता है.
। इस
ग्रह के कुप्रभाव को कम करने के उपाय-:
वैदिक मंत्र -:
ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो
निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च।
हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति
भुवनानि पश्यन।।
गायत्री मंत्र -:
ऊँ आदित्याय विद्महे भास्कराय धीमहि तन्नो सूर्यः
प्रचोदयात्।
बीज मंत्र -:
ऊॅं हृीं घृणिः सूर्याय नमः।
तांत्रोक्त मंत्र -:
ऊॅं हृॉ हृीं हृौं सः सूर्याय नमः।
शांति के उपाय -:
-
रविवार के दिन गुड़, सोना, तांबा और गेहूं का दान करें।
-
सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को
प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना
चाहिए
-
रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर
सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
-
ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण
किया जा सकता है।
-
लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय
दोनों हाथों में गेहूँ भरकर खिलाएं
-
किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते
समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
-
हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधने से लाभ होता है
-
लाल चन्दन को घिसकर जल में डालकर स्नान
करें।
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