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Friday, December 13, 2013

किसी कार्य को प्रारम्भ करने के सबसे संभावित अच्छा दिन: नक्षत्र ज्योतिष मुहूर्त

किसी कार्य को प्रारम्भ करने के सबसे संभावित अच्छा दिन:नक्षत्र ज्योतिष मुहूर्त 

हम जब भी कोई काम शुरू करना चाहते हैं तो बहुधा हम कोशिश करते हैं की उसे ऐसे दिन प्रारंभ करें जिस से हमें उसका अधिकतम सकारात्मक फल प्राप्त हो .इसको मुहुर्त भी कहते हैं .मैं आप लोगों से एक नियम साझा करूंगा जिस से आप इस मुहुर्त को खुद ही प्राप्त कर पायेंगे थोड़े से अध्ययन मनन और स्वविवेक से .इसको मैंने स्वयं अपने जीवन में बहुत सफल पाया है इसलिए आप लोगों को भी बता रहा हूँ .


प्रत्येक गृह को ३ नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है जो की इस प्रकार हैं ....

केतु               : अश्विनी ,मघा ,मूल

शुक्र               : भरिणी ,पूर्वाफाल्गुनी ,पूर्वाषाढ़ा

सूर्य               : कृत्तिका ,उत्तर फाल्गुनी ,उत्तराषाढ़ा

चन्द्र              : रोहिणी ,हस्त ,श्रवण

मंगल              : मृगशिरा ,चित्र ,धनिष्ठा

राहू               :आर्द्रा ,स्वाति ,सतभिषा

गुरु                : पुनर्वसु ,विशाखा ,पूर्वाभाद्रपद

शनि               : पुष्य ,अनुराधा ,उत्तरभाद्रपद

बुध                :अश्लेशा ,ज्येष्ठा ,रेवती .

जन्म के समय चन्द्रमा जिस नक्षत्र में हो वोही हमारा जन्म नक्षत्र होता है .चन्द्र जिस राशी में हो वोही हमारी जन्म राशी होती है .सूर्य जिस राशी में हो वोही हमारी सूर्य राशी होती है .
अब आपके जन्म नक्षत्र से गिनना शुरू कीजिये

१)जन्म –अर्थात जिस नक्षत्र में जन्म हुआ हो

२)संपत –जन्म नक्षत्र से दूसरा नक्षत्र

३)विपत –जन्म नक्षत्र से तृतीय

४)क्षेम – चतुर्थ

५)प्रत्यारी –पंचम

६)साधक –षष्ठ

७)निधन –सप्तम

८)मित्र –अष्टम

९) परम मित्र –नवम

हिन्दू ज्योतिष पूर्ण रूप से नक्षत्र आधारित ज्योतिष है और नक्षत्र क्रम इसमें पूर्व निश्चित है जो की इस प्रकार है:

१)अश्विनी २)भरिणी ३)कृत्तिका ४)रोहिणी ५)मृगशिरा ६)आर्द्रा ७)पुनर्वसु ८)पुष्य ९)अश्लेषा

१)मघा ,२)पूर्वाफाल्गुनी ३)उत्तराफाल्गुनी ४)हस्त ५)चित्रा ६)स्वाति ७)विशाखा ८)अनुराधा ९)ज्येष्ठा

१)मूल २)पूर्वाषाढ़ा ३)उत्तराषाढ़ा ४)श्रवण ५)धनिष्ठा ६)सतभिषा ७)पूर्वाभाद्रपद ८)उत्तराभाद्रपद ९)रेवती

आपकी सुविधा के लिए ये तीन विभाजन कर दिए हैं जिस से आपको समझने में असुविधा ना हो .

मान लीजिये आपका जन्म आज ३१-८-२०१२ को ९:०१ पर भोपाल में हुआ है .

चन्द्रमा इस समय कुम्भ राशी और सतभिषा नक्षत्र में है ....तो आपका जन्म नक्षत्र हुआ सतभिषा .इस से दूसरा हुआ पूर्वाभाद्रपद तीसरा –उत्तरभाद्रपद चौथा –रेवती पांचवा –अश्विनी छठा –भरिणी सातवाँ –कृतिका आठवाँ –रोहिणी नौवां –मृगशिरा .....
जो भी गृह (१)जन्म (२)संपत (४)क्षेम (६)साधक (८)मित्र ..इन नक्षत्रों में स्थित होगा यदि वह बलवान हुआ तो मध्यम फलदायी होगा यदि दुर्बल हुआ तो शुभ फल नहीं दे पायेगा .खुद में ही दम नहीं रहेगी तो आपको कैसे संभालेगा ???

>जो भी गृह (९)परम मित्र नक्षत्र में होते हैं वोह अति शुभ फलदायी होते हैं
>जो भी गृह (३)विपत (५)प्रत्यारी (७)निधन में होते हैं वे अशुभ फलदायी होते हैं .

परम मित्र सबसे शुभ और निधन सबसे अशुभ होता है .

इस सिद्धांत को सावधानी पूर्वक उपयोग में लाने पर आप किसी भी कार्य को ज्योतिषीय हिसाब से सबसे अच्छे दिन शुरू कर सकते हैं ....इस सिद्धांत के साथ गृह गोचर को ध्यान में अवश्य रखें .

इसका उपयोग आप किसी नए कार्य की शुरुआत करने में ,नया वाहन खरीदने में ,गृह प्रवेश इत्यादि में कर सकते हैं .व्यापार के लिए बहुत उपयोगी सिद्धांत है और बहुत काम करता है .

यदि कोई गृह आपकी जन्म कुंडली में अष्टमेश भी है मगर परम मित्र नक्षत्र में है और थोडा भी शुभ प्रभाव उस पर है तो वोह आपका अहित करने की जगह शुभ फलदायी हो जाता है .और लग्नेश यदि विपत निधन आदि में है तो लग्नेश ही आपका परम शत्रु सिद्ध होता है .

JHORA   एक निशुल्क सॉफ्टवेर है जिसको आप इन्तेर्र्नेट से प्राप्त कर सकते हैं और अपनी जन्म जानकारी उसमें डाल कर आप अपने लिए प्रभावी नक्षत्र तालिका ज्ञात कर सकते हैं .www,jagannathhora.org

यदि आपको वाहन लेना है या बैंक में किसी क़र्ज़ के लिए आवेदन देना है या नौकरी के लिए साक्षात्कार के लिए जाना है तो आप इस तालिका से आपके लिए सबसे शुभ दिन  ज्ञात कर सकते और उस दिन अपना कार्य शुरू कर सकते हैं .

किसी भी कार्य का होना न होना बहुत सारे विषयों से ताल्लुक रखता है मात्र नक्षत्र से नहीं ..और वोह थोडा अन्दर का विषय है ...लेकिन फिर भी इन दिनों में आप प्रयास करेंगे तो आपका कार्य सफल होने की प्रायिकता बहुत बढ़ जाएगी इसमें कोई संदेह नहीं है .

नक्षत्र के साथ महादशा अंतर प्रत्यंतर और गृह गोचर का यदि आप सफल समावेश कर लेंगे तो शुभता और बढ़ जायेगी .इसको चन्द्र लग्न और जन्म लग्न दोनों से देखना चहिये और जन्म लग्न को प्राथमिकता देनी चहिये .
 (सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते)






3 comments:

  1. sir bro not getting married im not geting job my dob-9/1/80,time-17.16,place-calcutta,his dob-24/12/83 time dont knoe pl tell remdy fast unhappy and my son future also anf hsband business also not good

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  2. I dont do free service/ readings etc

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  3. This comment has been removed by a blog administrator.

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I am doing astrological readings since 2000.I did free astrology readings for hundreds for long time. Now this is my primary focus. If you feel you need divine guidance through your horoscope and remedies to improve the quality of your life then this is the place to be. Hindu astrology is based on constellations and requires very careful reading and judgment. There are several yogas or combinations in your chart which give sure shot hint about your past present and future. No one can change the past but present and future can surely be corrected up to a limit and not beyond it .People who claim that they can change the future are simply doing cheating as it can be done only by GOD ALMIGHTY .There are 27 constellations, 12 signs, 9 planets and various other things to be seen in a birth chart. I use traditional approach and KP system of astrology which is more into stellar arena but is based completely upon the traditional system. My charges are 1100 INR USD 25 you can speak to me over phone/Video/ or get the answers on your mail.

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